अपने काम में फोकस्ड या यकाग्र कैसे रहें?
यकाग्रता सफलता की कुंजी है, जिससे दुनिया की हर कामयाबी के ताले खोले जा सकते हैं। सवाल यह है कि इस कुंजी को हासिल किस प्रकार किया जाए? इसे जानने के लिए मेरी पूरी बात को ध्यान से समझें और इसे को पूरा पढ़ें।
दुनियाँ में आए हो तो कुछ करना ही पड़ेगा और जब करना ही है, तो दिल से किया जाए पूरी यकाग्रता के साथ किया जाए। हमें जानना होगा की अपनी यकाग्रता कैसे बढाएं.
यकाग्रता कैसे बना के रखें अपने काम पर ?
यकाग्रता को साधना नहीं पड़ता है, जिस चीज़ को साधना पड़ता है उससे आप बहुत ही जल्दी थक जाओगे. यकाग्रता साधना नहीं है यकाग्रता को समझना है।
कान्सन्ट्रैट न हो पाने के कारण को जानो, अपने आसपास की चीजों को देखो, वोह क्या चीज़ है, वो कौन सा इंसान है जो तुम्हें focused होने से रोकता है। उससे दूरियाँ बना लो। दूरियाँ बनाना कठिन ज़रूर है लेकिन तुम्हें करना ही होगा। आज यह कठिनाई उठा लो और अपने कल ko सुनहराह कर लो, सफलता को हासिल कर लो।
अपने काम पर फोकस्ड या कंसन्ट्रेट कैसे रहें?
तुम्हारा सबसे ज़रूरी काम क्या है? इस उस के बारे में सोचो। हटा दो फोन को अपने सामने से; जब काम करो, जब स्टडी करो तब। दिलों-दिमाक में अपना गोल रहना चाहिए हमेशा, उसे प्राप्त करने का पूरा प्रयास होना चाहिए अपने पूरे प्लान के साथ और प्लान भी बहुत ही विस्तृत और डीटेल में । तुम्हारी आँखें अर्जुन की तरह सिर्फ़ मछली की आँख पे रहनी चाहिए।
दिलों दिमाक में तनाव नहीं होना चाहिए. सारे तनाव देने वाले कारण को जानो, उससे बचो। फोकस होना भी सहेज रूप से आना चाहिए. अपने-आपको जानो,
तुम्हारा दिल किस काम में लगता है? किस काम में मन लगता है यह कैसे जाने?
जिस काम में आनंद आता हो, दिल लगता हो, उसी में डूबते जाओ.
हर जगह गड्ढा खोदोगे, तो कहीं भी धरती से पानी नही निकाल सकते. एक जगह बस लग जाओ तुम धरती का सीना चीर के वहां से पानी निकाल ही लोगे.
एक जगह टिकने में, फोकस्ड होने में, तुम्हारे सामने दो तरह की परेशानियाँ आ सकती हैं.
एक तुम्हारे भीतर क्या चल रहा है और दूसरा तुम्हारे आस-पास की चीजों से,
बस यही दो कारण हो सकते हैं तुम्हें distract करने में, या तुम्हारी यकाग्रता को तोड़ने के.
भीतर का जो विचार हैं, दिल में उठती भावनाएं हैं जैसे – किसी ने तुम्हें कुछ कह दिया, किसी से लड़ाई हो गयी या किसी की याद तुम्हें परेशान कर रही हो. यह सारी दिक्क़तें हैं तुम्हें distract करती हैं.
कोई बात ग़लत हो गयी है तो उस पर बात पर अटक कर न रह जाजो, बल्कि अगला क़दम क्या हो सकता है बस उस पर ध्यान दो. नए रास्तों की खोज में निकलो.
ग़लत हो जाने के भय से अपना रास्ता कभी ना बदलना. जीत गए तो विजेता कहलाओगे और हार गए तो भी अनुभव मिलेगा, जो कल तुम्हारे लिए एक नई दास्ताँ लिखेगा.
आपने देखा है; कैसे एक मैग्नीफाइंग लेंस से सूरज की किरणों को एक जगह फोकस करके पेपर को जलाया जा सकता है. बस येसे ही फोकस होकर आप कामयाबी की दुनिया में तहेलका मचा सकते हो.
जब अपने जीवन की सारी उर्जा इकठ्ठा करके एक जगह लगाते हो मैग्नीफाइंग लेंस की तरह, तो सफलता न मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
नाकामयाबी का सिर्फ़ एक ही कारण, की आप फोकस्ड नहीं थें.
जो कुछ कर रहे हो सिर्फ़ वही करो एक टाइम पर.
अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो सिर्फ़ सारा ध्यान गाड़ी चलाने पर ही होना चाहिए. अगर भोजन कर रहे हो तो पूरा ध्यान भोजन करने में ही लगा होना चाहिए. जो भी करो उस समय बस वही करो पूरे तन-मन से। इस तरह सदा एकाग्रचित सदा रहने की आदत बन जाएगी फिर focused रहने की कोशिश नहीं करनी पड़ेगी.
यकाग्रता अपने आप फलित होगी। मेरा आदतों में बदलाओ के ऊपर एक बहुत ही महत्वपूर्ण लेख है उसे ज़रूर देखें, उससे एकाग्रचित होने में और भी सहायता मिलेगी। आपके कोई सवाल हैं इस विषय पर तो ज़रूर कमेन्ट करें।